मंगलवार, 20 दिसंबर 2022
बलुवाना न्यूज पंजाब सीआईए स्टाफ अबोहर ने 2200 नशीली गोलियों सहित युवक को काबू किया अबोहर, 19 दिसंबर (बलुवाना न्यूज पंजाब): फाजिल्का के एसएसपी भूपिंद्र सिंह, एसपीडी गुरविंद्र सिंह संघा, डीएसपी फाजिल्का सुबेग सिंह द्वारा जिले को नशामुक्त करने के लिए अभियान चला रखा है जिसके चलते अबोहर सीआईए स्टाफ 1 के प्रभारी सज्जन सिंह, एएसआई इंद्राज व अन्य पुलिस पार्टी बस स्टैंड बेगांवाली की तरफ जा रही थी कि मुखबिर ने सूचना दी कि रमन कुमार उर्फ रिंकू पुत्र ओमप्रकाश वासी कोटू राम सजराना राजस्थान से नशे की गोलियां लाकर बेचने का काम करता है। पुलिस ने मौके पर छापा मारा। आरोपी को काबू किया। रमन कुमार से 2200 नशीली गोलियां बरामद हुई। आरोपी के खिलाफ खुईखेड़ा बोदीवाला में मामला दर्ज कर अदालत में पेश किया जहां से उसे दो दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया। फोटो:5 पुलिस पार्टी व आरोपी।
सोमवार, 19 दिसंबर 2022
मुबारक हो तुमको यह शादी तुम्हारी,सदा खुश रहो तुम, ये दुआ है हमारी!azad son and seenu daughter in law को शादी की बहुत बहुत बधाई🌷🎂🌷🎂🌷*****आकाश के तारों में जितनी चमक है, आपकेजीवन में दमक उतनी ही बनी रहे,हर दिन तुम दोनों साथ में मिलकर खुशी मनाओतुम दोनों के जीवन में खुशियां सदा भरी रहे !🌷🎂🌷🎂🌷🎂🌷आसमान के सितारों में है जितनी चमक,तुम्हारे जीवन में दमक उतनी ही बनी रहे,हर दिन तुम दोनो साथ मिलकार खुशी मनाओतुम दोनो के जीवन में खुशियां सदा भारी रहे!🌷🎂🌷🎂🌷🎂🌷*****जीवन की हर पल संतुष्टि दे आपको,दिन का हर लम्हा खुशी दे आपको, जहांगम की हवा छू के भी न गुजरे,ईश्वर ऐसी जिंदगी दे आप दोनों को!🌷🎂🌷🎂🌷🎂🌷जिंदगी का हर पल संतुष्टि दे आपको,दिन का हर लम्हा खुशी दे आपको,जहां गम की हवा छू के भी ना गुजरे,ईश्वर ऐसी जिंदगी दे आप दोनो को!🌷🎂🌷🎂🌷🎂🌷*****सर पर सेहरा, शादी का है दिन कापहनावा है कोट, आज के दिन,सजी धजी घोड़ी, चले ना तेरे बीमा,मुबारक हो तुमको, शादी का यह दिन !🌷🎂🌷🎂🌷🎂🌷सर पर सहरा, शादी का है दिनपहनना है कोट, तुम्हारे आज के दिन,साजी धाजी घोड़ी, चले ना तुम्हारे बिन,मुबारक हो तुमको, शादी का यह दिन!🌷🎂🌷💞🎂💞🌷🎂🌷
कुंडली सचा सुख पैसा से क्या नहीं खरीदा जा सकता है ? पैसा से क्या नहीं खरीदा जा सकता है ❓ बहुत सारी चीजें हैं, जो आप पैसे से नहीं खरीद सकते, लिस्ट बड़ी है जैसे कि प्यार मन की शांति स्वास्थ्य जिंदगी सच्चे मित्र प्रतिष्ठा अनुशासन शिष्टाचार शिक्षा समर्पण भाव इत्यादि इत्यादि। कृपया ध्यान दें व्यक्तिगत रूप से मैं कुछ बातों से सहमत नहीं हूं जो इस चित्र में लिखा गया है । मूल स्रोत : पैसा होना चाहिए । चित्र सोर्स है गूगल इमेजेस ।
कुंडली
सचा सुख
पैसा से क्या नहीं खरीदा जा सकता है ?
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कृपया ध्यान दें व्यक्तिगत रूप से मैं कुछ बातों से सहमत नहीं हूं जो इस चित्र में लिखा गया है ।
मूल स्रोत : पैसा होना चाहिए । चित्र सोर्स है गूगल इमेजेस ।
बलुवाना न्यूज पंजाब साढ़े 3 क्विंटल चूरा पोस्त आरोपी कैपर चालक स्वर्ण सिंह काबू अबोहर, 18 दिसंबर (बलुवाना न्यूज पंजाब): फिरोजपुर के डीआईजी रणजीत सिंह, फाजिल्का के एसएसपी भूपिंद्र सिंह के दिशा निर्देशों पर एसपीडी गुरविंद्र सिंह संघा, डीएसपी बल्लुआना विभोर शर्मा, डीएसपी अबोहर सुखविंद्र सिंह बराड़ द्वारा जिले को नशामुक्त करने तथा असामाजिक तत्वों के खिलाफ चलाए गए अभियान के तहत उनके दिशा निर्देशों का पालन करते हुए थाना बहाववाला के प्रभारी बलविंद्र सिंह टोहरी, चौकी सीतो के प्रभारी लखविंद्र सिंह व अन्य पुलिस पार्टी ने साढ़े 3 क्विंटल चूरा पोस्त आरोपी कैपर चालक स्वर्ण सिंह पुत्र अवतार सिंह वासी हिम्मतपुरा को हरियाणा में छापा मारकर काबू करने में सफलता हासिल की है। आरोपी काफी समय से फरार चल रहा था। डीएसपी विभोर शर्मा ने बताया कि आरोपी को अदालत में पेश कर रिमांड पर लिया जायेगा और बारीकी से पूछताछ की जायेगी कि यह पोस्त कहां से लेकर आये थे और किसे सप्लाई करना था। आरोपी के खिलाफ थाना बहाववाला में मुकदमा नं. 72, 15.07.2022 एनडीपीएस एक्ट के तहत अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज कर कैपर को कब्जे में लिया था। मामले की जांच जारी है। फोटो:1, पुलिस पार्टी , आरोपी व कैपर।
बलुवाना न्यूज पंजाब
साढ़े 3 क्विंटल चूरा पोस्त आरोपी कैपर चालक स्वर्ण सिंह काबू
अबोहर, 18 दिसंबर (बलुवाना न्यूज पंजाब): फिरोजपुर के डीआईजी रणजीत सिंह, फाजिल्का के एसएसपी भूपिंद्र सिंह के दिशा निर्देशों पर एसपीडी गुरविंद्र सिंह संघा, डीएसपी बल्लुआना विभोर शर्मा, डीएसपी अबोहर सुखविंद्र सिंह बराड़ द्वारा जिले को नशामुक्त करने तथा असामाजिक तत्वों के खिलाफ चलाए गए अभियान के तहत उनके दिशा निर्देशों का पालन करते हुए थाना बहाववाला के प्रभारी बलविंद्र सिंह टोहरी, चौकी सीतो के प्रभारी लखविंद्र सिंह व अन्य पुलिस पार्टी ने साढ़े 3 क्विंटल चूरा पोस्त आरोपी कैपर चालक स्वर्ण सिंह पुत्र अवतार सिंह वासी हिम्मतपुरा को हरियाणा में छापा मारकर काबू करने में सफलता हासिल की है। आरोपी काफी समय से फरार चल रहा था। डीएसपी विभोर शर्मा ने बताया कि आरोपी को अदालत में पेश कर रिमांड पर लिया जायेगा और बारीकी से पूछताछ की जायेगी कि यह पोस्त कहां से लेकर आये थे और किसे सप्लाई करना था। आरोपी के खिलाफ थाना बहाववाला में मुकदमा नं. 72, 15.07.2022 एनडीपीएस एक्ट के तहत अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज कर कैपर को कब्जे में लिया था। मामले की जांच जारी है।
फोटो:1, पुलिस पार्टी , आरोपी व कैपर।
सोमवार, 5 दिसंबर 2022
Copy पेस्ट हैं वनिता कासनियां पंजाब के ब्लॉग का लेकिन बहुत बढ़िया जानकारी हैं 🙏plz पूरा पड़े जातिवाद सत्य है, या एक कल्पना ?* क्या भारत में जातिवाद है ? *या बेवकूफ बनाया जा रहा है 70 साल से ?* 🤣 कहां है जातिवाद ? स्कूल में है ? *नहीं है।* कॉलेज में है ? *नहीं है।* ट्यूशन में है ? *नहीं है।* हॉस्पिटल में है ? *नहीं है।* प्राइवेट जोब में है ? *नहीं है।* मोबाईल खरीदने में है ? *नहीं है।* सिमकार्ड खरीदने में है ? *नहीं है।* ऐमज़ॉन, फ्लिपकार्ट पे है ? *नहीं है।* बैंक में है ? *नहीं है।* किसी भी बिसिनेस में है ? *नहीं है।* राशन की दुकान में है ? *नहीं है।* मॉल में है ? *नहीं है।* मूवी थिअटर में है ? *नहीं है।* रेस्टोरेंट में है ? *नहीं है।* होटल्स में है ? *नहीं है।* बस, ट्रैन, प्लैन में है ? *नहीं है।* स्कूटर लेने जाओगे वहाँ है ? *नहीं है।* श्मशान में है ? *नहीं है।* सब्जी मंडी में पूछते हो ? *नहीं है।* पार्टी में पूछते हो ? *नहीं।* त्योहार मनाते वक़्त पूछते हो ? *नहीं।* *तो कहाँ है ये जातिवाद ??????* सरकारी नोकरियों में ? हाँ 🤓 है। सरकारी पढ़ाई ? हाँ 😝 है। सरकारी लाभ में ? हाँ है 😍 आरक्षण अगर वो ख़ुदको हरिजन कहे, तो उसे नॉकरी मिले। आप उसे हरिजन कहो, तो आपको सज़ा मिलेगी। *ये है वास्तविक जातिवाद* अब समझे ! जातिवाद कहाँ है ?! 😆🙏 *चुनोती है, चार सवर्ण का नाम बता देना,* जिन्होंने दलितों का शोषण किया हो जाती के नाम पे ? *रामायण* लिखने वाले वाल्मिकी दलित थे, *महाभारत* लिखने वाले वेद व्यास दलित थे, *शबरी* के जूठे बेर खाये थे श्री राम ने, *सुदामा* सबसे प्रिय मित्र थे कृष्ण के, विश्व के सबसे बडे मंदिर *तिरुपति में दलित पुजारी* है, पटना, *हनुमान मंदिर में है दलित पुजारी,* तिरुवनंतपुरम के *त्रावणकोर मंदिर में दलित पुजारी* है, *के आर नारायण, दलित राष्ट्रपति* रह चुके है, और तुम लोग जातिवाद की बकवास चला रहे हो 70 साल से 😠 *बेवकूफ बना रहे हो 70 साल से एक ही गाना गा के ! 😠* आरक्षण की तारीफ करने वालों से सिर्फ एक सवाल *क्या किया, 70 साल आरक्षण लेकर ?* 70 सालों में बने सिर्फ 70 डॉक्टर बताओ जिन्होंने *70 नई दवाई* ढूंढकर विश्व में भारत का नाम रोशन किया हो। 70 सालों में आरक्षण से बने 70 इंजीनियर बताओ जिन्होंने *70 विश्वप्रसिद्ध इमारतें* बनाके विश्व में भारत को गर्व दिलाया हो। 70 सालों में आरक्षण से बने 70 टेक्नोलॉजी के एक्सपर्ट बताओ, जिन्होंने *70 टेक्नोलॉजी* बनाई हो ! 70 सालों में आरक्षण से बने 70 अर्थशास्त्री के नाम बताओ जिन्होंने *भारत की अर्थव्यवस्था* सुधारी हो। 70 साल में आरक्षण से बने वैपन्स के एक्सपर्ट बतादो, जिन्होंने वैसे *70 हाईटेक हथियार* बनाके देश की आर्मी में मदद की हो! 70 सालों में आरक्षण से बने *70 CEO* बताओ जिन्होंने विश्व में भारत को सम्मान दिलाया हो। 70 नहीं मिल रहे ? चलो सबके *7-7 नाम ही तो बता दो !* 😆 कहाँ से मिलेंगे 🤣 सोचो 50% पढ़ाई से आरक्षण के ज़रिए पढ़ा हुआ, क्या नाम रोशन करेगा देश का ? कैसे टिकेगा वो दुनिया के 95% टेलेंटेड लोगों के सामने ?! *आरक्षण सिर्फ देश का क्षत्रु है।* और कुछ नहीं। इस से हमारा देश, दुनिया के सामने घुटने टेक रहा है क्योंकि, हम 50% वाले को डॉक्टर बनाते है, जबकि विश्व 95% वालों को हमारे 50% ज्ञानी के सामने खड़ी करती है। बाल वनिता महिला वृद्ध आश्रम जाती का प्रमाणपत्र हटाके, *भारतीय का प्रमाणपत्र होना चाहिए सब जगह।* जय हिन्द वंदे मातरम्
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अकेली By वेब स्टोरी कनिका वृद्धाश्रम में रहेगी। यह रोज़ रोज़ का अपमान उसके लिए असह्य था। एक कांच का ग्लास ही तो टूटा था उससे और निहारिका ने बिना सोचे समझे कितना बुरा भला कह दिया था। वह भावुक हो उठी और भीगी पलकों में आँसू छुपाये करीने से ट्रंक में अपना सामान लगाने लगी। उसने काँपते हाथों से कुणाल और अपनी तस्वीर हाथ में उठाई तो पलकों पर रुके अश्रु टपक गए। अपनी धोती के पल्लू से तस्वीर को साफ़ करते हुए वह कुणाल को निहारने लगी। उसे अपनी और कुणाल की प्रथम मुलाक़ात स्मरण हो आई जब कुणाल अपने माता पिता के साथ उसे देखने आये थे। देखते ही उसकी सुंदरता पर रीझ कर शादी का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया था। उनके आकर्षण से वह भी अछूती नहीं रह सकी थी। कुणाल का आयात निर्यात का कार्य था और घर में उसके कदम रखते ही व्यापार बुलंदियों को छूने लगा था। धीरे धीरे कुणाल की गिनती अव्वल दर्जे के व्यापारियों में होने लगी थी। कुणाल के भरपूर प्रेम ने कनिका के जीवन में खुशहाली भर दी थी। उसके पाँव ज़मीन पर नहीं पड़ते थे परन्तु उसे क्या पता था कि ये खुशियाँ शीघ्र ही बिखर जाएँगी। सहसा व्यापार में घाटा होने के कारण कुणाल को दिल का दौरा पड़ा और वह चल बसा। कनिका का जीवन वीरान हो गया। एक महीने तक तो उसे अपने जीवन की सुध ही नहीं थी। वह दिन रात रोती रहती थी ,स्वयं को असह्य समझती थी। छोटी छोटी बातों पर उसे कुणाल के न होने का आभास होता था। कुणाल की मृत्यु की कानूनी कार्यवाही शुरू हुई तो कदम कदम पर उसे मार्गदर्शन की आवश्यकता पड़ी। इस कानूनी कार्यवाही में उसे कोर्ट के कई चक्कर लगाने पड़े। इस भाग दौड़ ने उसे पूर्ण रूप से सशक्त बना दिया था।यहाँ उसकी सद्बुद्धि और उच्च शिक्षा ने ही साथ दिया था। कई दिन का परिश्रम रंग लाया और कानूनी तौर तरीकों के सिलसिले से छुट्टी प्राप्त हुई। उस दिन वह थकी हारी घर पहुँची और हाथ मुँह धो कर चाय पीने की इच्छा से शक्कर का डब्बा खोला तो पाया कि शक्कर समाप्त हो गई थी। उसने बेटे समीर से पड़ोस के निरंजन बाबू के घर से शक्कर मंगवाने का सोचा परन्तु बेटे को स्कूल के कार्य में मग्न देख स्वयं ही जाने का निर्णय लिया। शक्कर से भरी कटोरी कनिका को पकड़ाते हुए निरंजन ने उसका हाथ धीरे से दबाते हुए कहा ,”कनिका जी कभी भी कोई आवश्यकता हो तो निःसंकोच मदद लीजियेगा ,मै आपकी मदद के लिए सदा तत्पर हूँ। “कनिका तभी समझ गई कि निरंजन की बातों में अपनत्व होते हुए भी इरादों में पवित्रता नहीं है। कनिका को निरंजन की आँखों में वासना नज़र आयी थी। उसका मन हुआ कि वह अभी निरंजन के मुँह पर झापड़ मार दे। कुणाल के होते हुए भी कई बार निरंजन ने उसका रास्ता रोकने का प्रयत्न किया था पर उस वक्त उसने ध्यान नहीं दिया था। उसे लगता था कि भ्रम है उसका परन्तु अब जब कुणाल नहीं है तब निरंजन का इस तरह पेश आना उसे अच्छा नहीं लगा था। वह जानती थी कि समाज में निरंजन जैसे लोग उपस्थित हैं और उसे ऐसे लोगों से सतर्क रहना चाहिए।उसने मन ही मन फैसला लिया कि चाहे जो हो जाए आज के बाद वह कभी निरंजन से मदद नहीं लेगी। संभवतः निरंजन बाबू के गलत व्यवहार ने ही उसे बाध्य किया था जो वह नागपुर से सब कुछ समेट कर सपनों की नगरी मुंबई पलायन कर गयी थी। कहने के लिए वह इस दुनिया में अकेली रह गई थी परन्तु उसके साथ कुणाल की हसीन यादें थीं। जानी मानी कंपनियों में काम करते हुए ,धीरे धीरे उसकी ज़िन्दगी पटरी पर आ गई थी। उसने वर्षों तक स्वयं को पूर्ण रूप से काम में डुबो दिया था और इस दौरान समीर भी विद्यार्थी जीवन से निकल कर अफसर बन गया था। एक दिन खाने की छुट्टी में वह अपने कुछ सहकर्मियों के साथ बैठी खाना खा रही थी कि सबने मिलकर उसके सामने पुनर्विवाह का प्रस्ताव रख दिया। उनका कहना था कि जीवन में एक साथी की आवश्यकता हर किसी को पड़ती है और खासतौर पर वृद्धावस्था में दोनों एक दूसरे के पूरक बन जाते हैं। जहाँ तक समीर का सवाल है भविष्य में उसकी अपनी ज़िन्दगी होगी ,ऐसे में अकेलेपन से बचने के लिए पुनर्विवाह श्रेष्ठ है। फिर कनिका की ऐसी कोई उम्र नहीं हुई थी कि पुनर्विवाह करने में संकोच हो। अचानक मिले इस प्रस्ताव से वह सकपका गई परन्तु फिर संभलते हुए बोली ,”कुणाल की यादों के सहारे ही इस जीवन को मैं व्यतीत करना चाहती हूँ ,यह अधिकार मैं किसी और को नहीं देना चाहती ,आशा है भविष्य में आप लोग ऐसी बातें मेरे सामने नहीं करेंगे। उसने अपनी भावनाओं पर काबू रखते हुए खाना समाप्त किया और पलकों पर रुके अश्रुओं के गिरने से पहले ही वहाँ से उठ कर चली गई। शाम को गरम चाय की चुस्की लेते हुए दिन में घटी घटना के बारे में वह सोचने लगी। उसने दर्पण में स्वयं को देखा तो उसे लगा कि इन वर्षों में वह काफी बदल गई है। उसने अपने चेहरे को गौर से देखा। चेहरे पर किसी प्रकार का कोई श्रृंगार नहीं था ,फिर भी माथे पर एक छोटी सी बिंदी और होठों की लाली ने एक अनोखा आकर्षण उत्पन्न कर रखा था ,काले बालों पर हलकी सफेदी थी। गाल पर आई लट को उसने करीने से कानों के पीछे किया तो सुनी कलाई और खाली मांग पर उसका ध्यान चला गया। पति से जुड़े इस श्रृंगार का उसके जीवन में कोई महत्त्व नहीं है ,यह आँखों में उभर आई नमी ने उसे एहसास करा दिया था। सहसा उसका हृदय पूछ बैठा ,”क्या समीर को अपने पिता की कमी महसूस नहीं होती होगी। क्या उसे पुनर्विवाह करना चाहिए ?परन्तु अगले ही पल कनिका को लगा जैसे कुणाल उसके पीछे ही खड़ा है और कह रहा है ,”तुम सिर्फ मेरी हो। “कनिका ने आँखे मूंदी तो दो मोती टपक गए। उसने अटल निर्णय लिया ,”वह कुणाल की थी और सदा उसकी ही रहेगी। कनिका अक्सर घर के पास वाले बगीचे में शाम के वक्त जा बैठती थी। बगीचे के पुष्पों की सुगंध उसे सुकून देती थी। रोज़ की तरह उस दिन भी वह बगीचे में बैठी थी। बगीचे के बीचों बीच बने पार्क में छोटे बच्चे खेल रहे थे। वह उन बच्चों का खेल देख रही थी कि अचानक उसकी निगाह दूर बेंच पर बैठे दंपत्ति पर चली गई। वह एक नवविवाहिता जोड़ा था जो दुनिया से बेखबर एक दूसरे से सिमट कर बैठा हुआ था। उसे याद आया कि शादी के बाद कुणाल और वह भी इसी तरह बैठे हुए थे। कनिका को फूलों का शौक था यह जान कर कुणाल ने उसके बालों में गजरा लगा दिया था। वह शर्मा कर बोली थी ,”कुणाल ,क्या तुम ऐसे ही सदा मेरे बालों में गजरा लगाओगे। “कुणाल की स्वीकृति पा कर वह मन ही मन प्रसन्न हुई थी। फिर तो जब भी वह बाहर जाते कनिका के बालों में गजरा ज़रूर महकता था। इन्हीं यादों में वह खोई हुई घर की ओर चल दी। घर आकर उसने कुणाल की तस्वीर निकाली और उसे बहुत देर तक निहारती रही। कनिका को अब समीर के विवाह की चिंता होने लगी थी। उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह अकेली इस ज़िम्मेदारी को कैसे निभाएगी ?परन्तु समीर ने निहारिका से प्रेम विवाह करने का प्रस्ताव रखा तो कनिका फूली न समाई। उसे लगा जैसे उसकी ज़िन्दगी भर का श्रम सफल हो गया। बेटे का विवाह हुआ तो निहारिका जैसी सुन्दर बहू को पाकर वह निहाल हो गई। उसे तो निहारिका के रूप में जैसे हीरा ही मिल गया था। निहारिका का उसके प्रति सदव्यवहार उसे सुकून पहुँचाता था। परन्तु जैसे जैसे समीर तरक्की की सीढ़ी चढ़ता गया वैसे वैसे निहारिका का बर्ताव कनिका के प्रति बदलता गया। वह अभिमान में इतनी चूर हो गई थी कि छोटे बड़े का फर्क भी भूल गई थी। ऐसे में कनिका ने समीर की टोह लेनी चाही थी। उसे आशा थी कि समीर निहारिका को समझायेगा परन्तु उसकी तरफ से कनिका को इस मामले में कोई सकारात्मकता नज़र नहीं आई। उल्टा वह कनिका को ही जवाब दे कर चुप करा देता था। आखिरकार जब सिर से ऊपर पानी होने लगा तो कनिका ने ही वृद्धाश्रम जाने का निर्णय लिया था। कनिका ने जब अटैची बंद की तो उसका क्रोध शांत हो चुका था। वह जल्दबाज़ी तो नहीं कर रही ?क्या अपना घर छोड़ कर सब कुछ ठीक हो जाएगा ? जिस स्नेह व आदर की वह हकदार है उसे प्राप्त हो जाएगा ?क्या वृद्धाश्रम जाना ही इस समस्या का एकमात्र हल है ?अपने ही अंदर अनेक प्रश्नों के उत्तर पाने के लिए वह बेचैन हो गई। उसकी अंतरात्मा बोल उठी ,नहीं नहीं वह अपने बच्चों से अलग नहीं रह सकती। वह बड़े होने के नाते उन्हें समझाएगी ,स्वयं को इस घर को सुधारने का एक अवसर ज़रूर देगी । अपने रक्त से सींच कर उसने अपने कुणाल के घर को बनाया था यों एक हलके से झोंके से बिखरने नहीं देगी। वह अपने ही ख्यालों में गुम थी कि सहसा निहारिका का स्वर सुन कर चौंक गई।”मुझे माफ़ कर दो ,आगे से ऐसा नहीं होगा ,एक मौका और दे दो। “परन्तु समीर की आवाज़ में क्रोध था ,”मुझे कुछ नहीं सुनना,तुम भी घर से जा सकती हो ,तुम मेरी माँ का सम्मान नहीं कर सकतीं तो मुझे भी तुम्हारी आवश्यकता नहीं है ,तुम्हे क्या पता माँ ने कितने कष्टों से पाला है मुझे। “उधर समीर न जाने क्या क्या कहे जा रहा था और इधर कनिका का दिल रो रहा था। उसने समीर के कमरे में प्रवेश किया तो निहारिका बहू उसके क़दमों में गिर पड़ी ,”मुझे माफ़ कर दीजिये मम्मीजी घर छोड़ कर मत जाइये। “कनिका का दिल पूर्ण रूप से पिघल गया था और उसने निहारिका को अपने गले से लगा लिया।
अकेली
By वेब स्टोरी
कनिका वृद्धाश्रम में रहेगी। यह रोज़ रोज़ का अपमान उसके लिए असह्य था।
एक कांच का ग्लास ही तो टूटा था उससे और निहारिका ने बिना सोचे समझे कितना बुरा भला कह दिया था। वह भावुक हो उठी और भीगी पलकों में आँसू छुपाये करीने से ट्रंक में अपना सामान लगाने लगी। उसने काँपते हाथों से कुणाल और अपनी तस्वीर हाथ में उठाई तो पलकों पर रुके अश्रु टपक गए। अपनी धोती के पल्लू से तस्वीर को साफ़ करते हुए वह कुणाल को निहारने लगी।
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उसे अपनी और कुणाल की प्रथम मुलाक़ात स्मरण हो आई जब कुणाल अपने माता पिता के साथ उसे देखने आये थे। देखते ही उसकी सुंदरता पर रीझ कर शादी का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया था। उनके आकर्षण से वह भी अछूती नहीं रह सकी थी। कुणाल का आयात निर्यात का कार्य था और घर में उसके कदम रखते ही व्यापार बुलंदियों को छूने लगा था। धीरे धीरे कुणाल की गिनती अव्वल दर्जे के व्यापारियों में होने लगी थी। कुणाल के भरपूर प्रेम ने कनिका के जीवन में खुशहाली भर दी थी।
उसके पाँव ज़मीन पर नहीं पड़ते थे परन्तु उसे क्या पता था कि ये खुशियाँ शीघ्र ही बिखर जाएँगी। सहसा व्यापार में घाटा होने के कारण कुणाल को दिल का दौरा पड़ा और वह चल बसा। कनिका का जीवन वीरान हो गया। एक महीने तक तो उसे अपने जीवन की सुध ही नहीं थी। वह दिन रात रोती रहती थी ,स्वयं को असह्य समझती थी। छोटी छोटी बातों पर उसे कुणाल के न होने का आभास होता था। कुणाल की मृत्यु की कानूनी कार्यवाही शुरू हुई तो कदम कदम पर उसे मार्गदर्शन की आवश्यकता पड़ी। इस कानूनी कार्यवाही में उसे कोर्ट के कई चक्कर लगाने पड़े।
इस भाग दौड़ ने उसे पूर्ण रूप से सशक्त बना दिया था।यहाँ उसकी सद्बुद्धि और उच्च शिक्षा ने ही साथ दिया था। कई दिन का परिश्रम रंग लाया और कानूनी तौर तरीकों के सिलसिले से छुट्टी प्राप्त हुई। उस दिन वह थकी हारी घर पहुँची और हाथ मुँह धो कर चाय पीने की इच्छा से शक्कर का डब्बा खोला तो पाया कि शक्कर समाप्त हो गई थी।
उसने बेटे समीर से पड़ोस के निरंजन बाबू के घर से शक्कर मंगवाने का सोचा परन्तु बेटे को स्कूल के कार्य में मग्न देख स्वयं ही जाने का निर्णय लिया। शक्कर से भरी कटोरी कनिका को पकड़ाते हुए निरंजन ने उसका हाथ धीरे से दबाते हुए कहा ,”कनिका जी कभी भी कोई आवश्यकता हो तो निःसंकोच मदद लीजियेगा ,मै आपकी मदद के लिए सदा तत्पर हूँ। “कनिका तभी समझ गई कि निरंजन की बातों में अपनत्व होते हुए भी इरादों में पवित्रता नहीं है।
कनिका को निरंजन की आँखों में वासना नज़र आयी थी। उसका मन हुआ कि वह अभी निरंजन के मुँह पर झापड़ मार दे। कुणाल के होते हुए भी कई बार निरंजन ने उसका रास्ता रोकने का प्रयत्न किया था पर उस वक्त उसने ध्यान नहीं दिया था। उसे लगता था कि भ्रम है उसका परन्तु अब जब कुणाल नहीं है तब निरंजन का इस तरह पेश आना उसे अच्छा नहीं लगा था। वह जानती थी कि समाज में निरंजन जैसे लोग उपस्थित हैं और उसे ऐसे लोगों से सतर्क रहना चाहिए।उसने मन ही मन फैसला लिया कि चाहे जो हो जाए आज के बाद वह कभी निरंजन से मदद नहीं लेगी। संभवतः निरंजन बाबू के गलत व्यवहार ने ही उसे बाध्य किया था जो वह नागपुर से सब कुछ समेट कर सपनों की नगरी मुंबई पलायन कर गयी थी। कहने के लिए वह इस दुनिया में अकेली रह गई थी परन्तु उसके साथ कुणाल की हसीन यादें थीं। जानी मानी कंपनियों में काम करते हुए ,धीरे धीरे उसकी ज़िन्दगी पटरी पर आ गई थी। उसने वर्षों तक स्वयं को पूर्ण रूप से काम में डुबो दिया था और इस दौरान समीर भी विद्यार्थी जीवन से निकल कर अफसर बन गया था।
एक दिन खाने की छुट्टी में वह अपने कुछ सहकर्मियों के साथ बैठी खाना खा रही थी कि सबने मिलकर उसके सामने पुनर्विवाह का प्रस्ताव रख दिया। उनका कहना था कि जीवन में एक साथी की आवश्यकता हर किसी को पड़ती है और खासतौर पर वृद्धावस्था में दोनों एक दूसरे के पूरक बन जाते हैं। जहाँ तक समीर का सवाल है भविष्य में उसकी अपनी ज़िन्दगी होगी ,ऐसे में अकेलेपन से बचने के लिए पुनर्विवाह श्रेष्ठ है। फिर कनिका की ऐसी कोई उम्र नहीं हुई थी कि पुनर्विवाह करने में संकोच हो। अचानक मिले इस प्रस्ताव से वह सकपका गई परन्तु फिर संभलते हुए बोली ,”कुणाल की यादों के सहारे ही इस जीवन को मैं व्यतीत करना चाहती हूँ ,यह अधिकार मैं किसी और को नहीं देना चाहती ,आशा है भविष्य में आप लोग ऐसी बातें मेरे सामने नहीं करेंगे। उसने अपनी भावनाओं पर काबू रखते हुए खाना समाप्त किया और पलकों पर रुके अश्रुओं के गिरने से पहले ही वहाँ से उठ कर चली गई। शाम को गरम चाय की चुस्की लेते हुए दिन में घटी घटना के बारे में वह सोचने लगी। उसने दर्पण में स्वयं को देखा तो उसे लगा कि इन वर्षों में वह काफी बदल गई है। उसने अपने चेहरे को गौर से देखा। चेहरे पर किसी प्रकार का कोई श्रृंगार नहीं था ,फिर भी माथे पर एक छोटी सी बिंदी और होठों की लाली ने एक अनोखा आकर्षण उत्पन्न कर रखा था ,काले बालों पर हलकी सफेदी थी। गाल पर आई लट को उसने करीने से कानों के पीछे किया तो सुनी कलाई और खाली मांग पर उसका ध्यान चला गया। पति से जुड़े इस श्रृंगार का उसके जीवन में कोई महत्त्व नहीं है ,यह आँखों में उभर आई नमी ने उसे एहसास करा दिया था। सहसा उसका हृदय पूछ बैठा ,”क्या समीर को अपने पिता की कमी महसूस नहीं होती होगी। क्या उसे पुनर्विवाह करना चाहिए ?परन्तु अगले ही पल कनिका को लगा जैसे कुणाल उसके पीछे ही खड़ा है और कह रहा है ,”तुम सिर्फ मेरी हो। “कनिका ने आँखे मूंदी तो दो मोती टपक गए। उसने अटल निर्णय लिया ,”वह कुणाल की थी और सदा उसकी ही रहेगी।
कनिका अक्सर घर के पास वाले बगीचे में शाम के वक्त जा बैठती थी। बगीचे के पुष्पों की सुगंध उसे सुकून देती थी। रोज़ की तरह उस दिन भी वह बगीचे में बैठी थी। बगीचे के बीचों बीच बने पार्क में छोटे बच्चे खेल रहे थे। वह उन बच्चों का खेल देख रही थी कि अचानक उसकी निगाह दूर बेंच पर बैठे दंपत्ति पर चली गई। वह एक नवविवाहिता जोड़ा था जो दुनिया से बेखबर एक दूसरे से सिमट कर बैठा हुआ था। उसे याद आया कि शादी के बाद कुणाल और वह भी इसी तरह बैठे हुए थे। कनिका को फूलों का शौक था यह जान कर कुणाल ने उसके बालों में गजरा लगा दिया था। वह शर्मा कर बोली थी ,”कुणाल ,क्या तुम ऐसे ही सदा मेरे बालों में गजरा लगाओगे। “कुणाल की स्वीकृति पा कर वह मन ही मन प्रसन्न हुई थी। फिर तो जब भी वह बाहर जाते कनिका के बालों में गजरा ज़रूर महकता था। इन्हीं यादों में वह खोई हुई घर की ओर चल दी। घर आकर उसने कुणाल की तस्वीर निकाली और उसे बहुत देर तक निहारती रही।
कनिका को अब समीर के विवाह की चिंता होने लगी थी। उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह अकेली इस ज़िम्मेदारी को कैसे निभाएगी ?परन्तु समीर ने निहारिका से प्रेम विवाह करने का प्रस्ताव रखा तो कनिका फूली न समाई। उसे लगा जैसे उसकी ज़िन्दगी भर का श्रम सफल हो गया। बेटे का विवाह हुआ तो निहारिका जैसी सुन्दर बहू को पाकर वह निहाल हो गई। उसे तो निहारिका के रूप में जैसे हीरा ही मिल गया था। निहारिका का उसके प्रति सदव्यवहार उसे सुकून पहुँचाता था। परन्तु जैसे जैसे समीर तरक्की की सीढ़ी चढ़ता गया वैसे वैसे निहारिका का बर्ताव कनिका के प्रति बदलता गया। वह अभिमान में इतनी चूर हो गई थी कि छोटे बड़े का फर्क भी भूल गई थी। ऐसे में कनिका ने समीर की टोह लेनी चाही थी। उसे आशा थी कि समीर निहारिका को समझायेगा परन्तु उसकी तरफ से कनिका को इस मामले में कोई सकारात्मकता नज़र नहीं आई। उल्टा वह कनिका को ही जवाब दे कर चुप करा देता था। आखिरकार जब सिर से ऊपर पानी होने लगा तो कनिका ने ही वृद्धाश्रम जाने का निर्णय लिया था। कनिका ने जब अटैची बंद की तो उसका क्रोध शांत हो चुका था। वह जल्दबाज़ी तो नहीं कर रही ?क्या अपना घर छोड़ कर सब कुछ ठीक हो जाएगा ? जिस स्नेह व आदर की वह हकदार है उसे प्राप्त हो जाएगा ?क्या वृद्धाश्रम जाना ही इस समस्या का एकमात्र हल है ?अपने ही अंदर अनेक प्रश्नों के उत्तर पाने के लिए वह बेचैन हो गई। उसकी अंतरात्मा बोल उठी ,नहीं नहीं वह अपने बच्चों से अलग नहीं रह सकती। वह बड़े होने के नाते उन्हें समझाएगी ,स्वयं को इस घर को सुधारने का एक अवसर ज़रूर देगी । अपने रक्त से सींच कर उसने अपने कुणाल के घर को बनाया था यों एक हलके से झोंके से बिखरने नहीं देगी। वह अपने ही ख्यालों में गुम थी कि सहसा निहारिका का स्वर सुन कर चौंक गई।”मुझे माफ़ कर दो ,आगे से ऐसा नहीं होगा ,एक मौका और दे दो। “परन्तु समीर की आवाज़ में क्रोध था ,”मुझे कुछ नहीं सुनना,तुम भी घर से जा सकती हो ,तुम मेरी माँ का सम्मान नहीं कर सकतीं तो मुझे भी तुम्हारी आवश्यकता नहीं है ,तुम्हे क्या पता माँ ने कितने कष्टों से पाला है मुझे। “उधर समीर न जाने क्या क्या कहे जा रहा था और इधर कनिका का दिल रो रहा था। उसने समीर के कमरे में प्रवेश किया तो निहारिका बहू उसके क़दमों में गिर पड़ी ,”मुझे माफ़ कर दीजिये मम्मीजी घर छोड़ कर मत जाइये। “कनिका का दिल पूर्ण रूप से पिघल गया था और उसने निहारिका को अपने गले से लगा लिया।
रविवार, 27 नवंबर 2022
#बलुवाना #न्यूज #पंजाब,, #पीएम #मोदी ने आज मन की बात कार्यक्रम को संबोधित किया. इस बार उनका फोकस जी 20 रहा. 2023 G20 Summit की #अध्यक्षता इस बार भारत करने जा रहा है. By बाल वनिता महिला आश्रम #पीएम_मोदी ने कहा किमन की बात में एक बार फिर आप सभी का बहुत-बहुत स्वागत है. यह कार्यक्रम 95वां एपिसोड है और हम लोग धीरे-धीरे शतक की ओर बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले ही मुझे G-20 Logo और भारत की अध्यक्षता की वेबसाइट लॉन्च करने का सौभाग्य मिला था. इस Logo का चुनाव एक पब्लिक कॉन्टेस्ट के जरिए हुआ था. पीएम ने आगे कहा कि G-20 की World Population में दो-तिहाई, World Trade में तीन-चौथाई, और World GDP में 85% भागीदारी है. आप कल्पना कर सकते हैं. भारत अब से तीन दिन बाद यानी एक दिसंबर से इतने बड़े समूह की और इतने सामर्थ्यवान समूह की अध्यक्षता करने जा रहा है. उन्होंने कहा कि जी20 की अध्यक्षता हमारे लिए एक बड़ा अवसर बनकर आया है. हमें इस मौके का पूरा उपयोग करते हुए Global Good, विश्व कल्याण पर फोकस करना है. पीएम मोदी के मन की बात कार्यक्रम की 10 बड़े बातें 1- चाहे शांति हो या एकता, पर्यावरण को लेकर संवेदनशीलता की बात हो, या फिर Sustainable Development की, भारत के पास, इनसे जुड़ी चुनौतियों का समाधान है. आपको ये भी याद रखना है कि G20 में आने वाले लोग भले ही अभी एक डेलीगेट्स के रूप में आयें लेकिन भविष्य के टूरिस्ट भी हैं. 2- आने वाले दिनों में देश के अलग-अलग हिस्सों में G20 से जुड़े अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. इस दौरान दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से लोगों को आपके राज्यों में आने का मौका मिलेगा. मुझे भरोसा है कि आप अपने यहां की संस्कृति के विविध और विशिष्ट रंगों को दुनिया के सामने लाएंगे. 3- मेरे प्यारे #देशवासियों 18 नवंबर को पूरे देश ने स्पेस सेक्टर में एक नया इतिहास बनते देखा. इस दिन भारत ने अपने पहले ऐसे रॉकेट को अंतरिक्ष में भेजा, जिसे भारत के प्राइवेट सेक्टर ने डिजाइन और तैयार किया था. इस Rocket का नाम है विक्रमएस. 4- श्रीहरिकोटा से स्वदेशी Space Start-up के इस पहले रॉकेट ने जैसे ही ऐतिहासिक उड़ान भरी, हर भारतीय का सिर गर्व से ऊंचा हो गया. साथियों विक्रम-एस रॉकेट कई सारी खूबियों से लैस है. सही में विक्रम-एस के लॉन्च मिशन को जो प्रारम्भ नाम दिया गया है वो बिल्कुल फिट बैठता है. ये भारत में प्राइवेट स्पेस सेक्टर के लिए एक नए युग के उदय का प्रतीक है. 5- आप कल्पना कर सकते हैं जो बच्चे कभी हाथ से कागज का हवाई जहाज बनाकर उड़ाया करते थे उन्हें अब भारत में ही हवाई जहाज बनाने का मौका मिल रहा है. आप कल्पना कर सकते हैं कि जो बच्चे कभी चांद-तारों को देखकर आसमान में आकृतियां बनाया करते थे, उन्हें अब भारत में ही रॉकेट बनाने का मौका मिल रहा है. 6- ये सैटेलाइट बहुत ही अच्छे resolution की तस्वीरें भेजेगी जिससे भूटान को अपने प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन में मदद मिलेगी. इस सैटेलाइट की लॉन्चिंग भारत-भूटान के मजबूत सबंधों का प्रतिबिंब है. भारत स्पेस सेक्टर में अपनी सफलता अपने पड़ोसी देशों से भी साझा कर रहा है. कल ही भारत ने एक सैटेलाइट लॉन्च की, जिसे भारत और भूटान ने मिलकर डेवलप किया है. 7- कुछ दिनों पहले हमने देखा कि कैसे हिमाचल प्रदेश के किन्नौर में ड्रोन्स के जरिए सेब ट्रांसपोर्ट किये गए. साथियों आज हमारे #देशवासी अपने इनोवेशन से उन चीजों को भी संभव बना रहे हैं, जिसकी पहले कल्पना तक नहीं की जा सकती थी. इसे देखकर किसे ख़ुशी नहीं होगी? हाल के वर्षों में हमारे देश ने उपलब्धियों का एक लम्बा सफ़र तय किया है. 8- #यूपी की #राजधानी #लखनऊ से 70-80 किलोमीटर दूर हरदोई का एक गांव है बांसा. मुझे इस #गांव के जतिन ललित सिंह जी के बारे में जानकारी मिली है, जो #शिक्षा की अलख जगाने में जुटे हैं. कोई अगर विद्या का दान कर रहा है, तो वो समाज हित में सबसे बड़ा काम कर रहा है. 9- आप सोच रहे होंगे कि घर के पास में किसी मंदिर में #भजन #कीर्तन चल रहा है. लेकिन ये आवाज भी आप तक #भारत से हजारों मील दूर बसे #साउथ #अमेरिकन देश Guyana से आई है. 10- #संगीत की हमारी विधाओं ने, न केवल हमारी #संस्कृति को समृद्ध किया है बल्कि दुनियाभर के संगीत पर अपनी अमिट छाप भी छोड़ी है. #भारतीय संगीत की ख्याति विश्व के कोने-कोने में फ़ैल चुकी है. चाहे वह नदी की #कलकल हो, बारिश की बूंदें हों, पक्षियों का कलरव हो या फिर हवा का गूंजता स्वर हमारी सभ्यता में संगीत हर तरफ समाया हुआ है. #Vnita 🌹🙏🙏🌹
#पीएम #मोदी ने आज मन की बात कार्यक्रम को संबोधित किया. इस बार उनका फोकस जी 20 रहा. 2023 G20 Summit की #अध्यक्षता इस बार भारत करने जा रहा है.
By बाल वनिता महिला आश्रम
#पीएम_मोदी ने कहा किमन की बात में एक बार फिर आप सभी का बहुत-बहुत स्वागत है.
यह कार्यक्रम 95वां एपिसोड है और हम लोग धीरे-धीरे शतक की ओर बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले ही मुझे G-20 Logo और भारत की अध्यक्षता की वेबसाइट लॉन्च करने का सौभाग्य मिला था. इस Logo का चुनाव एक पब्लिक कॉन्टेस्ट के जरिए हुआ था.
पीएम ने आगे कहा कि G-20 की World Population में दो-तिहाई, World Trade में तीन-चौथाई, और World GDP में 85% भागीदारी है. आप कल्पना कर सकते हैं. भारत अब से तीन दिन बाद यानी एक दिसंबर से इतने बड़े समूह की और इतने सामर्थ्यवान समूह की अध्यक्षता करने जा रहा है. उन्होंने कहा कि जी20 की अध्यक्षता हमारे लिए एक बड़ा अवसर बनकर आया है. हमें इस मौके का पूरा उपयोग करते हुए Global Good, विश्व कल्याण पर फोकस करना है.
पीएम मोदी के मन की बात कार्यक्रम की 10 बड़े बातें
1- चाहे शांति हो या एकता, पर्यावरण को लेकर संवेदनशीलता की बात हो, या फिर Sustainable Development की, भारत के पास, इनसे जुड़ी चुनौतियों का समाधान है. आपको ये भी याद रखना है कि G20 में आने वाले लोग भले ही अभी एक डेलीगेट्स के रूप में आयें लेकिन भविष्य के टूरिस्ट भी हैं.
2- आने वाले दिनों में देश के अलग-अलग हिस्सों में G20 से जुड़े अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. इस दौरान दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से लोगों को आपके राज्यों में आने का मौका मिलेगा. मुझे भरोसा है कि आप अपने यहां की संस्कृति के विविध और विशिष्ट रंगों को दुनिया के सामने लाएंगे.
3- मेरे प्यारे #देशवासियों 18 नवंबर को पूरे देश ने स्पेस सेक्टर में एक नया इतिहास बनते देखा. इस दिन भारत ने अपने पहले ऐसे रॉकेट को अंतरिक्ष में भेजा, जिसे भारत के प्राइवेट सेक्टर ने डिजाइन और तैयार किया था. इस Rocket का नाम है विक्रमएस.
4- श्रीहरिकोटा से स्वदेशी Space Start-up के इस पहले रॉकेट ने जैसे ही ऐतिहासिक उड़ान भरी, हर भारतीय का सिर गर्व से ऊंचा हो गया. साथियों विक्रम-एस रॉकेट कई सारी खूबियों से लैस है. सही में विक्रम-एस के लॉन्च मिशन को जो प्रारम्भ नाम दिया गया है वो बिल्कुल फिट बैठता है. ये भारत में प्राइवेट स्पेस सेक्टर के लिए एक नए युग के उदय का प्रतीक है.
5- आप कल्पना कर सकते हैं जो बच्चे कभी हाथ से कागज का हवाई जहाज बनाकर उड़ाया करते थे उन्हें अब भारत में ही हवाई जहाज बनाने का मौका मिल रहा है. आप कल्पना कर सकते हैं कि जो बच्चे कभी चांद-तारों को देखकर आसमान में आकृतियां बनाया करते थे, उन्हें अब भारत में ही रॉकेट बनाने का मौका मिल रहा है.
6- ये सैटेलाइट बहुत ही अच्छे resolution की तस्वीरें भेजेगी जिससे भूटान को अपने प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन में मदद मिलेगी. इस सैटेलाइट की लॉन्चिंग भारत-भूटान के मजबूत सबंधों का प्रतिबिंब है. भारत स्पेस सेक्टर में अपनी सफलता अपने पड़ोसी देशों से भी साझा कर रहा है. कल ही भारत ने एक सैटेलाइट लॉन्च की, जिसे भारत और भूटान ने मिलकर डेवलप किया है.
7- कुछ दिनों पहले हमने देखा कि कैसे हिमाचल प्रदेश के किन्नौर में ड्रोन्स के जरिए सेब ट्रांसपोर्ट किये गए. साथियों आज हमारे #देशवासी अपने इनोवेशन से उन चीजों को भी संभव बना रहे हैं, जिसकी पहले कल्पना तक नहीं की जा सकती थी.
इसे देखकर किसे ख़ुशी नहीं होगी? हाल के वर्षों में हमारे देश ने उपलब्धियों का एक लम्बा सफ़र तय किया है.
8- #यूपी की #राजधानी #लखनऊ से 70-80 किलोमीटर दूर हरदोई का एक गांव है बांसा. मुझे इस #गांव के जतिन ललित सिंह जी के बारे में जानकारी मिली है, जो #शिक्षा की अलख जगाने में जुटे हैं. कोई अगर विद्या का दान कर रहा है, तो वो समाज हित में सबसे बड़ा काम कर रहा है.
9- आप सोच रहे होंगे कि घर के पास में किसी मंदिर में #भजन #कीर्तन चल रहा है. लेकिन ये आवाज भी आप तक #भारत से हजारों मील दूर बसे #साउथ #अमेरिकन देश Guyana से आई है.
10- #संगीत की हमारी विधाओं ने, न केवल हमारी #संस्कृति को समृद्ध किया है बल्कि दुनियाभर के संगीत पर अपनी अमिट छाप भी छोड़ी है. #भारतीय संगीत की ख्याति विश्व के कोने-कोने में फ़ैल चुकी है. चाहे वह नदी की #कलकल हो, बारिश की बूंदें हों, पक्षियों का कलरव हो या फिर हवा का गूंजता स्वर हमारी सभ्यता में संगीत हर तरफ समाया हुआ है.
#Vnita 🌹🙏🙏🌹
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